विकास कार्य को लेकर क्या कमियां रह गई हैं? तमाम सवालों का उन्होंने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यदि शहर की जनता उन्हें महापौर बनाती है तो प्रयागराज की प्राचीन विरासत को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। आइए जानते हैं क्या कहते हैं गणेश केसरवानी :
सवाल : संगठन ने आपको ही प्रत्याशी क्यों बनाया है? आप इस पर क्या कहेंगे?
जवाब : यह बात सही है कि संगठन ने हम जैसे एक सामान्य कार्यकर्ता को महापौर पद का प्रत्याशी बनाया है। संगठन के लोगों में और समाज में इसे लेकर उत्साह भी है। निश्वित रूप से जनता के समर्थन और आशीर्वाद से विजय सुनिश्चित है।
सवाल : महापौर बनने के बाद आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी?
जवाब : दरअसल, प्रयागराज पूरी दुनिया में धार्मिक और आध्यात्मिक शहर है। यहां की जो आध्यात्मिक चेतना है उससे पूरा विश्व लाभान्वित होता है। प्रयागराज की इस विरासत को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। मां गंगा और यमुना के तट पर सौंदर्यीकरण और नए तट बनवाने का प्रयास करेंगे। प्रयागराज की बुनियादी समस्याएं, बिजली, पानी और सड़क को लेकर काम करेंगे। स्मार्ट सिटी योजना के तहत जो भी कार्य अधूरे हैं उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे।
गणेश केसरवानी ने गिनाई अपनी प्राथमिकताएं।
सवाल : नगर निगम में करीब 20 नए वार्ड जुड़े हैं। वहां अभी कोई सुविधाएं नहीं मिल रही हैं?
जवाब : जो नए वार्ड बने हैं, नगर निगम से मिलने वाली प्रत्येक सुविधाएं उनतक पहुंचाएंगे। उनकी समस्याएं प्राथमिकताओं में होंगी।
सवाल : आप महापौर के चुनाव में अपनी लड़ाई किससे मानते हैं?
जवाब : अभी तक तो मैं अपनी लड़ाई किसे से नहीं मानता हूं। क्योंकि जनता मेरे साथ है। पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता और जनता का समर्थन मिल रहा है।
जानिए, कौन हैं गणेश केसरवानी
गणेश केसरवानी किदवई नगर के रहने वाले हैं। यह पार्षद से लेकर महानगर अध्यक्ष तक की भूमिका निभा चुके हैं। अब पहली बार महापौर का चुनाव लड़ रहे हैं। इनके नामांकन पत्र में दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक, इनके ऊपर मारपीट, गाली-गलौच, धक्कामुक्की के तीन मामले दर्ज हैं। कुल 21 लाख 12 हजार 72 रुपए की संपत्ति है। चल संपत्ति करीब 11 लाख रुपए और अचल संपत्ति करीब 10 लाख रुपए हैं।