जिले के सभी गांवों के आबादी क्षेत्र का ड्रोन सर्वे के माध्यम से डिजीटल प्रारूप नक्शा तैयार किया जा रहा है। शासन के राजस्व रिकार्ड में शामिल यह मैप आने वाले करीब 100 साल के लिए उपयोगी होगा। जब भी गांवों में जमीन विवाद या आपत्ति आएगी तो इसी रिकाॅर्ड के अनुसार फैसला लिया जाएगा।
प्रदेश में पहली बार दुर्ग जिले के 380 गांवों के आबादी क्षेत्र का पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में हाईटेक ड्रोन के माध्यम से सर्वे कराया गया है। अब तक 350 गांवों का नक्शा तैयार हो चुका है। 35 गांवों का रिकाॅर्ड अभी अप्राप्त है। अब इस नक्शे को लेकर पटवारी गांव-गांव जाकर भौतिक सत्यापन कर रहे हैं। दावा-आपत्ति के बाद अंतिम और फाइनल नक्शा तैयार होगा।
सचिव की हड़ताल से रुका 40 गांवों के मैप का रिकाॅर्ड: शासन जो मैप तैयार कर रहा है, यह राजस्व का मूल रिकॉर्ड होगा। इसी के अनुसार आने वाले वर्षों में कौन सी जमीन कहां से कहां तक किसकी है, इसका सरकारी रिकाॅर्ड होगा। इसलिए जमीन रिकाॅर्ड को तैयार करने में गड़बड़ी न हो करके ग्राम सभा को सत्यापन की जिम्मेदारी शासन ने दी है। ग्राम सचिव हड़ताल में हैं। इस वजह से 40 ग्राम पंचायतों में ग्रामसभा नहीं हो पा रही है।
डिजीटल नक्शा तैयार सीमाएं स्पष्ट होंगी
इस योजना के क्रियान्वित होने से ग्रामीण संपत्ति का रिकाॅर्ड तैयार होगा। सर्वे के बाद सबकी सीमाएं स्पष्ट हो जाएंगी। यह भी स्पष्ट होगा कि गांव में कौन सा रास्ता है। कहां पर खाली जगह है। कहां तालाब, कहां नाले, स्कूल, कॉलेज के अलावा गांवों में अभी अपनी सीमा को लेकर विवाद होता है वह सीमा भी तय होंगी।
आबादी पट्टा का भी पूरा रिकाॅर्ड होगा
ई अधिकार अभिलेख के आधार पर आबादी क्षेत्र का भी रिकॉर्ड भुइयां की तरह रहेगा। इसकी नंबरिंग की जा सकेगी और बंटवारा होने पर बटांकन किया जा सकेगा। जिससे ग्राम पंचायतें व ग्रामीण आमजन लाभान्वित होंगे। प्रारूप नक्शे के भू-खण्ड डाटा के साथ समग्र डाटा का उपयोग कर ई-अधिकार अभिलेख तैयार किया जाएगा।
पंचायत को लाभ
ग्रामीणों को फायदा
चुनाव के पहले भू स्वामित्व का लाभ
ग्रामीण क्षेत्र में जिन लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर मकान बना लिया है। या जिन्हें पूर्व में सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत पट्टा दिया गया है। उन लोगों के जमीन पर सीमा तय की जाएगी। पूर्व में दिए गए पट्टे स्वामित्व योजना में मर्ज कर दिए जाएंगे। नया रिकॉर्ड बनने के बाद चुनाव के पहले अगस्त सितंबर में लोगों को नया पट्टा जमीन का मालिकाना हक वाला दिया जाएगा।
310 गांवों का रिकाॅर्ड ग्राम सभा से हुआ सत्यापन
जो रिकाॅर्ड तैयार किया जा रहा है, वह सही है या नहीं, उस रिकाॅर्ड में कोई त्रुटि तो नहीं है, इसे जांचने की जिम्मेदारी शासन ने ग्रामसभा को दे दी है। ग्रामसभा से सत्यापन होने के बाद रिकाॅर्ड को पूर्ण रूप से सही माना जाएगा। इसके बाद उसे सरकारी रिकाॅर्ड में शामिल किया जाएगा। अब तक 310 गांवों के ग्रामसभा से नक्शा का सत्यापन हो चुका है। बाकी बचे हुए गांवों में प्रक्रिया पूरी की जा रही।
जल्द तैयार होगा डिजिटल नक्शा
शासन आबादी भूमि में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देगा। इससे लोगों बहुत लाभ मिलेगा। इसके लिए शासन ने प्रदेश में पहली बार दुर्ग जिले में पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया है। 380 गांव का ड्रोन सर्वे कर डिजीटल नक्शा तैयार कर रहे हैं। जल्द ही लोगों को मालिका हक मिल जाएगा।
-प्रवीण वर्मा, संयुक्त कलेक्टर दुर्ग