केशव व नंदी के विवाद को सुलझाने आए थे योगी:मंत्री नंदी का बयान पहुंचा था हाईकमान, रईस शुक्ला को भाजपा में शामिल कराने पर नंदी ने जताई थी नाराजगी

KHABREN24 on May 3, 2023

नगर निकाय चुनाव के ठीक पहले भाजपा के दो बड़े नेताओं के बीच हुए अंदुरूनी विवाद का मामला पार्टी के हाईकमान तक पहुंचा था। भाजपा दो गुटों में बंट गई, एक तरफ प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तो दूसरी तरफ प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी। इनके बीच हुए मतभेद का असर निकाय चुनाव पर न पड़े इसलिए प्रदेश के मुखिया CM योगी आदित्यनाथ खुद प्रयागराज पहुंचे। वह लूकरगंज में लीडर रोड प्रेस मैदान में जनसभा भी। जो नंदी निकाय चुनाव में एक भी दिन प्रचार करने नहीं निकले थे मुख्यमंत्री के आने पर वह भी मंच पर मौजूद मिले। सीएम ने मंच पर सभी को एक साथ बैठाकर जनता के सामने यह संदेश देने का काम किया कि पार्टी में सबकुछ ठीक चल रहा है।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम को गदा देकर स्वागत किया।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम को गदा देकर स्वागत किया।

केशव ने रईस को भाजपा में कराया था शामिल

रईस चंद्र शुक्ला 2022 के विधानसभा चुनाव में शहर दक्षिणी से नंदी के सामने सपा के टिकट से चुनाव लड़े थे। नंदी चुनाव जीत गए थे। 22 अप्रैल को भाजपा के सिविल लाइंस कार्यालय पर केशव प्रसाद ने रईस को भाजपा में शामिल कराया। यह बात जब नंदी तक पहुंची तो वह नाराज हो गए। मीडिया के सामने अपनी अपना विराेध दर्ज कराया। नंदी का यह विरोध पूरे प्रदेश तक पहुंच गया। उन्होंने रईस को भाजपा में शामिल कराने पर नाराजगी जताई।

“प्राइवेट कंपनी की तरह चलाना चाहते हैं भाजपा”

रईस के भाजपा में शामिल होने के बाद ही 22 अप्रैल को नंदी ने अपना विरोध जताया था। मीडिया से नंदी ने कहा, “स्थानीय विधायक के रूप में मुझे विश्वास में लेना तो दूर बिना कोई औपचारिक सूचना दिए मेरे विरूद्ध समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव लड़कर बुरी तरह से चुनाव हारे रईस चंद्र शुक्ला को भाजपा ज्वाइन कराने का प्रस्तावित कार्यक्रम घोर अपमानजनक एवं आपत्तिजनक है। यह बेहद गंभीर प्रकरण और गहरी साजिश है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए लिखा है कि “जो लोग पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलाना चाहते हैं और अपनी हठधर्मिता से पार्टी को लगातार क्षति पहुंचा रहे हैं उनके इस मनमाने रवैये की घोर निंदा करता हूं। उनका यह इशारा केशव प्रसाद की तरफ था, जिसे हर कोई समझ गया था।

अभिलाषा गुप्ता नंदी 10 साल तक संभाल चुकी हैं महापौर की कुर्सी।

पत्नी को महापौर का टिकट न मिलने पर नाराजगी

दरअसल, नंदी की पत्नी अभिलाषा गुप्ता 2 बार शहर की महापौर रह चुकी हैं। इस बार भी तय माना जा रहा था कि अभिलाषा को ही भाजपा टिकट देगी। नंदी भी टिकट को लेकर आश्वस्त थे कि अभिलाषा का टिकट फाइनल है तभी तो वह कई कार्यक्रमों में यह बोलते थे कि सभी के आशीर्वाद से अभिलाषा तीसरी बार महापौर बनने जा रही हैं लेकिन पार्टी ने टिकट काट दिया। नंदी की नाराजगी की यह बड़ी वजह है।

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