ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराई जाए। कोर्ट ने जिला जज के उस आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें उन्होंने कार्बन डेटिंग की मांग वाली अर्जी को खारिज कर दिया था।
न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा की पीठ ने ASI की रिपोर्ट के आधार पर कथित शिवलिंग की साइंटिफिक सर्वे की जांच कराने का आदेश दिया है। कथित शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बिना साइंटिफिक सर्वे करना है।
साइंटिफिक सर्वे के जरिए यह पता लगाना होगा कि बरामद हुआ कथित शिवलिंग कितना पुराना है, यह वास्तव में शिवलिंग है या कुछ और है। मामले में ASI ने गुरुवार को सील बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट पेश की थी। हिंदू पक्ष की महिलाओं की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी।
इस याचिका में वाराणसी के जिला जज के आदेश को चुनौती दी गई थी। इससे पहले पिछले साल मई महीने में कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के दौरान मस्जिद के वुजूखाने से एक पत्थरनुमा आकृति मिली थी, जिसे शिवलिंग बताया गया था।
ASI ने अभी तक नहीं दाखिल किया जवाब
इसके पहले 20 मार्च को हुई सुनवाई में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से कोर्ट ने पूछा था कि क्या शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बिना कार्बन डेटिंग जांच की जा सकती है? याची अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि इस जांच से शिवलिंग की आयु का पता चल सकेगा पर अभी तक ASI ने हाईकोर्ट में कोई जवाब दाखिल नहीं किया है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए ASI को जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम मौका दिया था।