दुर्ग में HOD समेत 6 सरकारी डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा:प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रैक्टिस पर बैन से नाराज, चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में पदस्थ थे

KHABREN24 on October 28, 2024
दुर्ग में HOD समेत 6 सरकारी डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा:प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रैक्टिस पर बैन से नाराज, चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में पदस्थ थे

भिलाई,

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज कचांदुर भिलाई के 6 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। सरकारी डॉक्टरों पर प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रैक्टिस के लिए बैन लगाने वाले नियम के विरोध में इस्तीफा दिया गया है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस्तीफा देने वाले सभी डॉक्टर सीनियर और चंदूलाल चंद्राकर शासकीय मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन, सर्जरी, शिशु रोग, स्त्री रोग, निश्चेतना और रेडियोलॉजी जैसे महत्वपूर्ण विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। इस्तीफा देने वालों में 3 सीनियर रेजिडेंट के नाम भी शामिल हैं।

स्वस्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किया गया आदेश।

स्वस्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किया गया आदेश।

बता दें कि 22 अगस्त 2024 को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन से आदेश जारी हुआ था। विशेष सचिव चंदन कुमार द्वारा जारी इस आदेश में साफ लिखा था कि जो भी डॉक्टर शासकीय मेडिकल कॉलेज या अस्पताल में सेवारत हैं वो अब निजी या दूसरी अस्पतालों में प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे।

स्वस्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किया गया आदेश।

स्वस्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किया गया आदेश।

उन्हें छूट दी गई थी कि शासकीय डॉक्टर अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद ही निजी​​​ प्रैक्टिस कर सकेंगे। विशेष सचिव ने सभी संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं और आयुक्त चिकित्सा शिक्षा आदेश कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए थे।

स्वस्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किया गया आदेश

स्वस्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किया गया आदेश

आदेश में जो नियम बनाए गए थे उसके मुताबिक कोई भी शासकीय डॉक्टर चाहकर भी निजी प्रैक्टिस नहीं कर सकता है। इसके साथ ही उनके वेतन में 20 प्रतिशत की कटौती कर दी गई। इससे नाराज होकर डॉक्टरों ने शासकीय संस्थानों से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है।

स्वस्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किया गया आदेश।

स्वस्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किया गया आदेश।

इन डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा-

  • डॉ. रुपेश कुमार अग्रवाल, HOD pediatrics
  • डॉ. नविल शर्मा, HOD surgery
  • डॉ. नरेश देशमुख, AP anesthesia
  • डॉ. कौशल HOD anesthesia
  • डॉ. समीर कठारे, HOD radio diagnosis
  • डॉ. अंजना, HOD obs gynae
  • डॉ. करण चंद्राकर, asso. Prof pathology
  • डॉ. सिंघल HOD medicine
  • डॉ. मिथलेश कुमार यदु, SR pedia

डॉक्टरों से बातचीत करने पर उन्होंने इन परेशानियों का जिक्र किया-

  1. छत्तीसगढ़ में कुछ ही सालों में कई मेडिकल कॉलेज खुलने से डाक्टरों की कमी हुई, सरकार ने प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर्स को सरकारी नौकरी के लिए बुलाया।
  2. डॉक्टर्स को संविदा में नियुक्त दी गई, जिसके तहत उनके साथ केवल 1 साल का अनुबंध किया गया। साथ ही अवधि खत्म होने के बाद नौकरी बची रहने का कोई आश्वासन भी नहीं दिया गया।
  3. नियम में यह है कि यदि कोई नियमित डॉक्टर आ जाए तो संविदा कर्मी को तुरंत बर्खास्त कर दिया जाएगा।
  4. इस वजह से संविदा डॉक्टर्स प्राइवेट प्रैक्टिस बंद नहीं करना चाहते क्योंकि उन्हें नौकरी का कोई आश्वासन नहीं है।
  5. प्राइवेट प्रैक्टिस के नाम पर सरकार के 20 प्रतिशत तनख्वाह पहले ही काट ली है, और उसके बाद भी प्राइवेट अस्पतालों को पंजीयन रद्द करने की धमकी दी जा रही है।
  6. प्राइवेट हस्पतालों में तनख्वाह सरकारी के तुलना में 2 से 3 गुना ज्यादा है।
  7. सरकारी अस्पतालों में कोई सुविधा नहीं है। वहां ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी, प्रोसिजर रूम में उपकरणों की के बाद भी उन्हें काम करना पड़ता है।
  8. सरकारी अफसरशाही के सामने संविदा डॉक्टरों की एक नहीं सुनी जाती है।
  9. विभिन्न क्षेत्रों के सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स शहर में 1 या 2 ही हैं, वो ही घूम-घूम के सभी जगह अपनी सेवा प्रदान करते हैं, यदि उन्हें 1 जगह बांध दिया जाएगा तो बाकी सभी क्षेत्रों में परेशानी हो जाएगी।
  10. NPA काटने के बाद भी डॉक्टरों को प्राइवेट अस्पतालों में प्रैक्टिस नहीं करने दिया जाता है।
Shree Shyam Fancy
Balaji Surgical
S. R. HOSPITAL
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