वाराणसी का सांसद बनने के साथ ही वर्ष 2014 को नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक ट्रेड फैसिलिटी सेंटर (टीएफसी) जिसे पंडित दीनदयाल हस्तकला संकुल के नाम से जाना जाता है कि आधारशिला रखी थी। महज दो साल में ही हस्तकला संकुल का उद्घाटन भी पीएम के हाथों हो गया। बहुप्रतीक्षित इस संकुल के जाने का मार्ग भोजूबीर, चांदमारी होते हुए बड़ा लालपुर होते हुए है। हस्तकला संकुल के निर्माण के साथ ही भोजूबीर – सिंधोरा मार्ग की भी किस्मत चमकी लेकिन ज्यादा दिनों तक इलाके के लोगों के चेहरे पर खुशी नहीं टिक सकी। आज भोजूबीर से बड़ा लालपुर तक पहुंचने के लिए आपको उबड़ खाबड़ सड़क मिलेगी। जगह जगह जलभराव मिलेगा।
दीनदयाल हस्तकला संकुल
मानो कोई ताल बन गया हो
हस्तकला संकुल से महज तीन सौ मीटर दूर रामेश्वर महादेव इंटर कालेज के सामने 50 मीटर से अधिक सड़क उखड़ चुकी है। पूरी सड़क पर सीवर का गंदा पानी भरा है। चार पहिया वाहन तो आसानी से निकल जाते हैं लेकिन दो पहिया वाहन अक्सर उखड़ी सड़क में गिर जाते हैं। इलाके के पैदल आने जाने वाले सड़क सीवर के गंदे पानी के बीच से होकर जाने को मजबूर हैं।
सड़क पर सीवर का पानी, मानो कोई ताल
क्षेत्रीय नागरिक राजेश राय ने बताया कि प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान जल्दबाजी में नाली बनाई गई जिसका परिणाम जनता भुगत रही है। नाली के निर्माण में हुई गलती के लिए पूरी तरह लोक निर्माण जिम्मेदार है। नाली निर्माण के समय आपत्ति जताई गई थी कि ऊंचा खाल होने के कारण नाली का पानी सड़क पर आएगा, विभाग नहीं माना और तब से यहां सीवर का पानी सड़क पर बह रहा है।
जगह जगह ऐसे गड्ढे बन गए हैं
कुछ महीनों तक सब ठीक था
इलाके के एक स्कूल में अध्यापक सतेंद्र सिंह बताते हैं कि टीएफसी के निर्माण के बाद कुछ महीनों तक, जब तक वीआईपी आते जाते थे, रोड ठीक थी लेकिन बाद में रिंग रोड से वीआईपी को हस्तकला संकुल ले जाए जाने लगे तो इस मार्ग पर अधिकारियों ने ध्यान देना बंद के दिया। दिनभर कोई न कोई इस गंदे पानी में वाहन समेत गिरता रहता है। साइकिल से और पैदल चलने वालों के लिए नारकीय स्थिति है।
इलाके के किशुन बता रहे बदहाली की कहानी
लोक निर्माण की है सड़क
भोजूबीर से लेकर बड़ा लालपुर तक लगभग चार किलोमीटर की सड़क लोक निर्माण और नगर निगम दोनों की है। जहां पर जलभराव के चलते हालात खराब है, उस सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग की है। क्षेत्रीय नागरिक किशुन का आरोप है कि ये अब लोक निर्माण विभाग के भ्रष्टाचार की देन है जिसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है।
19 वें प्रवासी भारतीय दिवस में ये मार्ग था वीवीआईपी
19 प्रवासी भारतीय दिवस वर्ष 2019 में एढ़े में मनाया गया था। सम्मेलन के लिए हस्तकला संकुल का चयन किया गया था। प्रवासी भारतीय दिवस से पहले इस मार्ग का चौड़ीकरण करते हुए करोड़ों की लागत से टू लेन किया गया था। कचहरी से महज एक किलोमीटर दूर भोजूबीर से लेकर रिंग रोड होते हुए सिंधोरा तक 52 करोड़ की लागत से सड़क तैयार हुई थी। नगर निगम ने क्लासिक लैंप पोस्ट से पूरे इलाके को सजाया था। हजारों की संख्या में आए प्रवासी भारतीयों के लिए इसी इलाके में टेंट सिटी बनाई गई थी। पीएम से लेकर देश के तमाम गणमान्य इसी मार्ग का उपयोग करते थे। महज पांच सालों में इस सड़क की ये दुर्दशा होगी किसी ने नहीं सोचा था।