सोशल मीडिया पर आईआईटियन बाबा के नाम से मशहूर अभय सिंह बड़ा एक्शन हुआ है। उन्हें प्रयागराज महाकुंभ में जूना अखाड़े के शिविर से प्रतिबंधित कर दिया गया। अखाड़े के प्रवक्ता ने उन्हें ‘पढ़ा-लिखा पागल’ बताया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा- अभय सिंह का कृत्य गुरु-शिष्य परंपरा और संन्यास के खिलाफ है। उसने अपने गुरु को अपशब्द कहे हैं।
महंत सोमेश्वर गुरु के साथ आए थे अभय सिंह नारायण गिरि ने सोमवार को कहा, अभय सिंह एक पढ़ा-लिखा पागल है। उसने सोशल मीडिया पर अपने गुरु महंत सोमेश्वर पुरी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। इसलिए उसे अखाड़े की छावनी और उसके आसपास आने पर रोक लगा दी गई है। अभय सिंह साधु नहीं बने थे। वह लखनऊ से ऐसे ही यहां आ गए और स्वयंभू साधु बनकर घूम रहे थे।
अखाड़े में अनुशासन सर्वोपरि प्रवक्ता ने कहा- अखाड़े में अनुशासन सर्वोपरि है। अखाड़े के हर सदस्य को अनुशासन में रहना होता है। लेकिन अभय सिंह ने अपने गुरु का अपमान करके इस परंपरा को तोड़ा। इसे देखते हुए अखाड़े की अनुशासन समिति ने उसके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की और उसे निष्कासित कर दिया गया।
श्रीमहंत नारायण गिरि
अभय सिंह बोले- प्रसिद्धि मिलने के बाद सब गलत हो गया अभय सिंह ने X पर सफाई दी। उन्होंने कहा, जब अखाड़े के सदस्यों ने उसे वहां रहने से मना कर दिया तो मैंने अखाड़ा छोड़ दिया। मैं अखाड़े में चार-पांच दिन रुककर वहां के तौर-तरीकों को समझने की प्लानिंग कर रहा था। लेकिन प्रसिद्धि मिलने के बाद सब कुछ गलत हो गया।
अभय सिंह ने कहा, जब अखाड़े ने मुझे आने से मना कर दिया तो मैं वहां से चला गया।
जिससे मिलता हूं, उससे सीखता हूं
अभय सिंह ने कहा, जब अखाड़े ने मुझे आने से मना कर दिया तो मैं वहां से चला गया। आखिरकार, यह मेरा निजी मामला है। जब उनसे पूछा गया कि उनके गुरु कौन हैं तो उन्होंने कहा, मैं जिससे भी मिलता हूं, उससे सीखता हूं। यहां तक कि अखाड़े में भी भगवान शिव ने ही मुझे ध्यान करना सिखाया।
माता-पिता से प्यार नहीं मिला अभय सिंह ने कहा, मेरे माता-पिता ने मेरी शिक्षा पर पैसे खर्च किए, लेकिन प्रेम कहां था? मुझे प्यार नहीं मिला।