वाराणसी के जंगमबाड़ी इलाके में एक घर में ब्लास्ट हो गया। हादसे में छत ढह गई। इसमें एक महिला की मौत हो गई, जबकि 4 लोग घायल हैं। हादसे में जिंदा बची किरण देवी अब भी उस धमाके को याद करके सिहर उठती हैं।
वह कहती हैं, ” गुरुवार रात 8:15 से 8:30 के बीच का समय रहा होगा। हम 4 लोग बैठ कर नाश्ता करते हुए टीवी देख रहे थे। अचानक तेज धमाका हुआ और फिर कुछ समझ में नहीं आया। हम लोग आलमारी के नीचे दब गए। किसी तरह से एक-दूसरे को सहारा देते हुए मलबे के ढेर से बाहर निकले और बाहर आए।
सूचना पर पहुंची पुलिस और दमकल कर्मी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए। कड़ी मशक्कत के बाद घायलों को मलबे से बाहर निकाला।
हम सभी को हाथ, सिर और कंधे पर चोट लगी है। बगल के कमरे में बेबी दीदी मौजूद थीं, वो बाहर नहीं निकल पाईं और मलबे के नीचे दबकर उनकी जान चली गई।”
ढाई घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
जंगमबाड़ी इलाके में संजय वर्मा का पुराना एक मंजिला मकान है। गुरुवार की रात तेज आवाज के साथ संजय के मकान की छत ढह गई। संजय, उनकी पत्नी किरण देवी और मां सावित्री देवी और बेटी मानसी ने किसी तरह से घर से बाहर निकल कर अपनी जान बचाई। इस बीच एक अन्य कमरे में मौजूद संजय की रिश्तेदार बेबी वर्मा (48) मलबे के दबकर मौत हो गईं।
पुलिस और दमकल कर्मी घायलों को अस्पताल भेजते हुए।
जंगमबाड़ी इलाके में जर्जर मकान की ढत ढहने की सूचना पर पुलिस, अग्निशमन विभाग की टीम पहुंची। करीब ढाई घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। कुछ घायलों को बाहर निकाला। आशंका जताई गई है कि गैस सिलेंडर फटने के बाद हादसा हुआ है, लेकिन अब तक की जांच में इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। फिर मकान कैसे ढहा? इस सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है।
भुक्तभोगी बोले- समझ में नहीं आया क्या हुआ
घायलों को अस्पताल लेकर जाती है एंबुलेंस।
संजय बोले- जब समझ पाते तब तक देरी हो चुकी थी
हादसे में बचने वाले संजय और उनके परिवार के लोगों ने बताया कि समझ में ही नहीं आया कि क्या हुआ था। अचानक तेज धमाके के साथ मकान की छत भर भराकर हमारे ऊपर गिर पड़ी। किसी तरह से हम लोग बाहर निकले हैं। बेबी पर जब ध्यान गया तब तक बहुत देरी हो चुकी थी।
मकान को लेकर चल रहा था विवाद
वहीं, मोहल्ले के लोगों ने बताया कि मकान को लेकर परिवार के लोगों में आपसी विवाद है। इसी वजह से उसकी मरम्मत भी नहीं हो पा रही थी और घर के लोग जर्जर मकान में रहने को मजबूर थे। अगर सही समय पर मरम्मत हो गई तो बेबी का जान बेबी की जान बच जाती।
घटना के मौके पर आस-पास के लोग बड़ी संख्या में जुट गए। लोगों को कहना है कि मकान को लेकर परिवार में विवाद चल रहा था।
DM एस. राजलिंगम ने कहा कि गैस की दुर्गंध आ रही थी, लेकिन फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है कि सिलेंडर फटने से हादसा हुआ है। मकान से 6 गैस सिलेंडर बाहर निकाले गए हैं। अग्निशमन विभाग की टीम को जांच करने को कहा गया है। नगर निगम प्रशासन को एक बार फिर निर्देशित किया जाएगा कि जर्जर मकानों को लेकर गंभीरता बरतते हुए उनका समाधान कराए।