आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव आज काशी में दो वर्ष बाद अपना आत्मज्ञान दिवस मनाएंगे। 24 वर्ष की आयु में उन्हें मैसूर के निकट स्थित चामुंडी पहाड़ी में आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसके बाद वह योग जगत में लीन हो गए थे। योग साधना में महारत हासिल करने के बाद उन्हें जगदीश वासुदेव से सद्गुरु जग्गी वासुदेव पुकारा जाने लगा। सद्गुरु जग्गी वासुदेव आज काशी में बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के साथ ही अपने अनुयायियों के साथ सत्संग करेंगे।
नदियों के संरक्षण के लिए मौजूदा समय में अभियान चलाने वाले सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने अपना आत्मज्ञान दिवस यथासंभव काशी में ही मनाने का निर्णय लिया था। बीते दो वर्षों में कोरोना महामारी की काली छाया के कारण वह काशी नहीं आ सके थे। स्थिति सामान्य होने पर गुरुवार की रात वह दो साल बाद एक फिर काशी पहुंचे।
यहां वह गंगा किनारे दरभंगा घाट स्थित ब्रजरामा पैलेस में ठहरे हुए हैं। सद्गुरु जग्गी वासुदेव के काशी आगमन की जानकारी पाकर उनके कई अनुयायी भी यहां आए हुए हैं और उनके लिए छावनी क्षेत्र के अलग-अलग होटलों में लगभग 500 कमरे बुक हैं।
सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ऑनलाइन सत्संग के संबंध में यह पोस्टर जारी किया गया है।
शाम 4 बजे से ऑनलाइन सत्संग
प्रशासन के अनुसार, आज सद्गुरु जग्गी वासुदेव और उनके अनुयायी बाबा विश्वनाथ के साथ ही बाबा कालभैरव के दरबार में हाजिरी लगाएंगे। दोपहर बाद सद्गुरु जग्गी वासुदेव का होटल ताज में अनुयायियों के साथ विशेष समागम शुरू होगा। शाम 4 बजे से ऑनलाइन सत्संग में उनके लाखों अनुयायी सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म के माध्यम से जुड़ेंगे।