दुर्ग जिले के उतई में आयोजित नसबंदी कैंप में नसबंदी करने के बाद एक शादीशुदा युवती की तबीयत खराब हो गई। उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। युवती के पति ने आरोप लगाया है कि नसबंदी करते समय डॉक्टर की लापरवाही से उसकी पत्नी की मौत हुई है। कोतवाली पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
कोलिहापुरी निवासी राजेश साहू ने बताया कि गुरुवार को उतई में नसबंदी कैंप लगा था। इस कैंप में नसबंदी कराने के लिए उसकी 24 वर्षीय पत्नी दिलेश्वरी साहू भी गई थी। जब वह कैंप पहुंची तो पूरी तरह से ठीक थी। डॉक्टर ने उसकी नसबंदी भी कर दी। उसके बाद से उसकी तबीयत खराब होने लगी।
कैंप में प्राथमिक उपचार के बाद जब तबीयत अधिक बिगड़ी तो उसे तुरंत इलाज के लिए दुर्ग जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान दिलेश्वरी ने दम तोड़ दिया। मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया, गलत तरीके से नसबंदी करने का आरोप डॉक्टर पर लगाया और उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस जिला अस्पताल पहुंची। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
मुंह और नाक से निकल रहा था झाग
मितानिन गीता देशमुख ने बताया कि नसबंदी के बाद जब दिलेश्वरी को बाहर निकाले, तब उसके मुंह और नाक से झाग निकल रहा था। इसके बाद तुरंत एंबुलेंस में दुर्ग लेकर गए। वहां आईसीयू में दाखिल कर दिए। जिसके बाद बताए कि मौत हो गई है।
पीडि़त परिवार को तुरंत दिया 50 हजार
मृतक के पति को परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत एफपीआईसी के तहत मृत्यु प्रकरण में क्षतिपूर्ति प्रावधान के तहत तत्कालिक रुप से 50 हजार रुपए सीएमएचओ ने उपलब्ध कराई। जिन चिकित्सकों की टीम पोस्ट मार्टम के दौरान मौजूद रही उसमें डॉक्टर बीआर साहू, डॉक्टर सरीता मिंज, डॉक्टर आलोक रामटेके शामिल है।