जिला अस्पताल की हमर लैब में अभी भी बायो कैमिस्ट्री की 11, माइक्रोबायोलॉजी की 9 और हार्मोन की 8 जांच नहीं हो पा रही है, जबकि लैब को शुरू हुए एक साल हो गए। अभी भी जिला अस्पताल में 114 में से 90 जांच की ही सुविधा है। जिम्मेदार एक साल में 64 प्रकार की जांच से 90 जांच तक ही पहुंच पाए हैं। इस दौरान सभी कोशिशें कर सिर्फ 26 जांच बढ़़ाई जा सकी है। इस लैब के खुलने से यकीनन ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में जो जांच नहीं हो पा रही थी, उसके सैंपल वहां से यहां भेजे जाने लगे हैं। जांच करने के उपरांत नियमित तौर पर उन तक रिपोर्ट भी पहुंचा दी जा रही है।
पाटन में शुरू हुई हमर लैब की स्थिति थोड़ी बेहतर है। क्योंकि वहां कुल 54 जांच करने का ही प्लान बना है। ये सभी जांचें वहां होने लगी है। वहां नहीं हो पाने वाली जांच को अन्य ग्रामीण अस्पतालों की तरह जिला अस्पताल भेजा जाना है। जिला अस्पताल की हमर लैब में भी सुविधा नहीं होने से मरीज इन जांच को निजी सेटअप से करा रहे हैं। जिले का प्रमुख व सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल होने के नाते पाटन, धमधा व निकुम ब्लाॅक के कोने-कोने मरीज पहुंचते हैं। स्थानीय अस्पतालों में जो जांचें नहीं हो पाती हैं उन जांचों के लिए वहां के डॉक्टर जिला अस्पताल रेफर करते हैं। सभी जांच सुविधा नहीं होने से वापस होना पड़ रहा है।
अस्पताल में एनलाइजर मशीन जल्द पहुंचेगी
1. हार्मोन एनलाइजर नहीं : थायराइड जैसी अन्य जांच को करने में इस्तेमाल होने वाली हार्मोन एनलाइजर मशीन अभी जिला अस्पताल की हमर लैब में नहीं आई है। इसके लिए सीजी एमएससी से आर्डर दिया जा चुका है। मशीन नहीं होने से जांच के मरीजों को लौटा दिया जाता है।
2. कर्मी ट्रेनिंग नहीं लिए : माइक्रोबायोलॉजी की जांच के लिए जिला अस्पताल में पहले से ट्रेंड कर्मी नहीं है। हाल ही कुछ कर्मियों को रायपुर ट्रेनिंग पर भेजा गया है। इन कर्मियों की ट्रेनिंग पूरी नहीं हो पाने के कारण माइक्रोबायोलॉजी 10 जांच नहीं हो पा रही है।
सुपेला में भी बनेगी हमर लैब, प्रभारी ने डीएमएफ फंड से 15 लाख रुपए मांगा
भिलाई के लाल बहादूर शास्त्री अस्पताल में भी हमर लैब बनाई जानी है। इसके लिए यहां के प्रभारी डॉ. पियाम सिंह ने डीएमएफ फंड से 15 लाख रुपए मांगा है। यहां अभी संचालित लैब में पूर्णत: स्वचिल एनलाइजर मशीन लगाई है। इससे 36 मरीजों की एक साथ जांच हो सकती है। भिलाई के इस प्रमुख सरकारी अस्पताल में हमर लैब न होने से सिर्फ 23 प्रकार की जांच होती है। हमर लैब तैयार हो जाने से समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन के तहत यहां भी 54 जांच होने लगेगी। पुराने लैब को अपग्रेड करने की तैयारी चल रही है।